ईस्टर्न ऑर्टिबल रेल कॉरिडोर: हरियाणा और दिल्ली में बेहतर कनेक्टिविटी का नया रास्ता
Haryana Darshan: देश में ट्रांसपोर्ट और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। हरियाणा और दिल्ली को जोड़ने वाले ईस्टर्न ऑर्टिबल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट का बुधवार को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) सभागार में प्रस्तुत किया गया। इस परियोजना का उद्देश्य इन क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करना है, साथ ही रेलवे नेटवर्क में दवाब को कम करना है।
ईस्टर्न ऑर्टिबल रेल कॉरिडोर: परियोजना की रूपरेखा 📊
ईस्टर्न ऑर्टिबल रेल कॉरिडोर की कुल लंबाई 135 किमी होगी, जो गाजियाबाद, बागपत, सोनीपत, फरीदाबाद, पलवल और गौतमबुद्धनगर जैसे प्रमुख शहरों से होकर गुजरती है। इस रेल कॉरिडोर के निर्माण से दिल्ली रेलवे नेटवर्क पर दबाव कम होगा और साथ ही इन शहरों को बेहतर यातायात कनेक्टिविटी प्राप्त होगी। इसके साथ ही यह परियोजना औद्योगिक विकास, व्यापार, और आयात-निर्यात के क्षेत्र में भी बड़ा योगदान देगी।
प्रमुख लाभ और उद्देश्य 🚆
- बेहतर कनेक्टिविटी: इस रेल कॉरिडोर से नोएडा इंडस्ट्रियल टाउनशिप, बागपत और अन्य क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
- जेवर एयरपोर्ट कनेक्टिविटी: जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी इस रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जिससे एयरपोर्ट तक पहुंच और सुविधाजनक होगी।
- निजी और सरकारी निवेश में वृद्धि: उद्योगों और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में इस कनेक्टिविटी से तेजी से विकास होने की संभावना है।
प्रस्तुतीकरण और मार्ग विश्लेषण 🌍
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के अधिकारियों ने इस परियोजना के दौरान दो वैकल्पिक मार्गों का प्रस्ताव किया। गूगल अर्थ का उपयोग करते हुए दोनों मार्गों की तुलना की गई, जिससे उनकी उपयुक्तता, मार्ग पर आने वाली आबादी, रेलवे क्रॉसिंग और भूमि अधिग्रहण से संबंधित समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
नए मार्गों की चुनौतियाँ और समाधान 🛣️
इस परियोजना में दो संभावित मार्गों पर विचार किया गया, जिनमें मार्ग की लंबाई, पारगमन क्षमता, और रास्ते पर आने वाली आबादी को ध्यान में रखते हुए बारीकी से विश्लेषण किया गया। इसके अलावा, रेलवे क्रॉसिंग और भूमि अधिग्रहण जैसी चुनौतियों पर भी विचार विमर्श किया गया। इस दौरान जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने अधिकारियों को इन दोनों मार्गों का अध्ययन कर आगे बढ़ने के लिए निर्देशित किया।
परियोजना का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व 🌐
यह परियोजना न केवल दिल्ली और हरियाणा के क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए भी अत्यधिक लाभकारी साबित होगी। रेल कॉरिडोर के माध्यम से आर्थिक क्षेत्र में विकास और औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि के अलावा, व्यापारिक सामग्रियों के परिवहन में भी आसानी होगी।